पूछताछ का समय मंगलवार से शुक्रवार के दौरान 3.00 से 4.00 बजे अपराह्न है।
पूछताछ के लिए अनुभाग अधिकारी (पी.आर्ट्स.I) को फोन नं. 011-24642137 पर सम्पर्क किया जा सकता है।
स्कीम का नाम ‘‘विनिर्दिष्ट मंच कला अनुदान स्कीम’’ होगा। इस स्कीम के अंतर्गत नाट्य समूहों, रंगमंच समूहों, संगीत मण्डलियों, बाल रंगशाला, और मंच कला कार्यकलापों के सभी प्रकार के स्वरूपों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इस स्कीम के घटक में रेपर्टरी अनुदान शामिल होगा।
- रेपर्टरी अनुदान सहायता प्रदान किए जाने वाली नाटक मंडलियों से यह अपेक्षा की जाती है कि उनके पास पर्याप्त संख्या में और गुणवत्ता परक रंगपटल हो और उन्होंने अखिल भारतीय स्तर पर प्रस्तुति पेश की हों।
- जो रेपर्टरी अनुदान प्राप्त कर रहे हैं अनुदान प्राप्तकर्ता के रेपर्टरी अनुदान के नवीकरण की सिफारिश तभी की जाएगी जब वे वित्त वर्ष के दौरान कम से कम दो प्रस्तुतियों का मंचन करें। इन दो में से एक प्रस्तुति नयी अर्थात जो पहले मंचित न की गयी हो, होना चाहिए।
- इस उद्देश्य के लिए स्थापित विशेषज्ञ समिति द्वारा वेतन अनुदान का वार्षिक समीक्षा की जाएगी।
- कोई संगठन वित्तीय वर्ष में केवल एक बार अनुदान प्राप्त करने का पात्र होगा।
- प्रत्येक 4 (चार) वर्ष के पश्चात रेपर्टरी अनुदान जारी रखने के लिए वास्तविक सत्यापन अनिवार्य होगा।
- अनुदान नवीकरण करने हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत करते समय निम्नलिखित शर्तों को पूरा करने पर रेपर्टरी अनुदान को एक किस्त में संवितरित किया जाएगा :-
- जिन संगठनों को वित्तीय सहायता प्रदान की गई है, वे अपने आसपास के किसी भी स्कूल में कम से कम 02 सांस्कृतिक कार्यकलाप (समारोह, व्याख्यान, सेमिनार, कार्यशाला, प्रदर्शनी आदि) अनिवार्य रूप से आयोजित करेंगे। अनुदान के नवीकरण और जारी करने के लिए स्कूल के प्रधानाचार्य से इस आशय का एक प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से अपेक्षित होगा।
- रेपर्टरी अनुदान प्राप्त कर रहे संगठनों को उनके निर्मित कार्यक्रमों / समारोह/ संगोष्ठियों आदि की विडियो को यू-ट्यूब पर अप्लोड करना होगा और संस्कृति मंत्रालय के यू-ट्यूब /फेसबुक/ ट्विटर पेज पर लिंक प्रदान करना होगा और रेपर्टरी अनुदान के नवीकरण के लिए यह एक पूर्व-शर्त होगी तथा रेपर्टरी अनुदान का नवीकरण करने के लिए उनके अपलोड किए गए विडियो / सामग्री पर आम लोगों से प्राप्त टिप्पणियों को ध्यान में रखा जाएगा।
- जबकि राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, नई दिल्ली और संस्कृति मंत्रालय की वेबसाइट पर वार्षिक रूप से एक विज्ञापन निकाला जाएगा और संगठन आगामी वित्तीय वर्ष के लिए वर्ष के दौरान 1 फरवरी से 15 मार्च के बीच (दोनो तारीखें शामिल हैं) आवेदन कर सकते हैं जिन्हें इस उद्देश्य के लिए गठित विशेषज्ञ समिति द्वारा आवधिक रूप से मूल्यांकित किया जाएगा। निर्धारित तारीख से पहले अथवा बाद में प्राप्त आवेदन पत्रों पर विचार नहीं किया जाएगा। आवेदन-पत्र राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी), कलाक्षेत्र फाउंडेशन, सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र (सीसीआरटी), इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए), क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र (जेडसीसी) और इसी प्रकार के निकायों सहित संबंधित राज्य सरकार/केंद्र शासित क्षेत्र प्रशासन या किसी भी राज्य अकादमी या राष्ट्रीय आकादमी से विधिवत रूप से संस्तुत होना चाहिए।
- आवेदन पत्र के साथ नीचे पैरा च में यथा निर्धारित दस्तावेज, संलग्न किए जाने चाहिएं। इन दस्तावेजों के बिना प्रस्तुत आवेदनों को अस्वीकृत कर दिया जाएगा।
- संस्कृति मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय नाटय विद्यालय (एनएसडी) वार्षिक रूप से एनएसडी / मंत्रालय की वेबसाइटों nsd.gov.in/indiaculture.nic.in पर ‘स्कीम’ को अधिसूचित करेगा।
- ‘स्कीम’ के पैरा च में उल्लिखित आवश्यक दस्तावेजों द्वारा समर्थित आवेदनों को विहित प्रपत्र में ‘‘निदेशक, राष्ट्रीय नाटय विद्यालय, बहावलपुर हाउस, प्लॉट न.1, भगवान दास रोड, नई दिल्ली-110001 को भेजें (राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय द्वारा आवेदक को आवेदन पत्र के संबंध में संसूचित किसी कमी को सीधे निदेशक, एनएसडी को प्रस्तुत किया जाए)
- इस उद्देश्य के लिए गठित विशेषज्ञ समिति द्वारा रेपर्टरी अनुदान पर विचार किया जाएगा / सिफारिश की जाएगी। विशेषज्ञ समिति का गठन दो वर्षों के लिए होगा तथा यह मंत्रालय द्वारा अनुमोदित होगी। विशेषज्ञ समिति अपनी सिफारिशों के लिए मामला-दर-मामला आधार पर औचित्य बताएगी।
- निधि की उपलब्धता और अनुदान के लिए आवेदनों की संख्या के आधार पर विशेषज्ञ समिति द्वारा आवेदनों की जांच आवधिक रूप से की जाएगी।
- प्रारंभ में, नए संगठनों के लिए रेपर्टरी अनुदान एक गुरू और दो कलाकारों के लिए होगा जिसे उत्तरोत्तर एक गुरू और अठारह कलाकारों तक बढ़ाया जा सकता है। तथापि, नृत्य और संगीत के लिए किसी भी समय यह बढ़ोत्तरी मौजूदा संख्या के 100% से अधिक नहीं होनी चाहिए, इसे एक गुरू और दस कलाकार से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
- बजटीय दबावों को ध्यान में रखते हुए और नए कलाकार समूहों / संगठनों को अवसर प्रदान करने के लिए, रेपर्टरी अनुदान प्राप्त करने वाले मौजूदा संगठनों के 10% भाग को प्रत्येक वर्ष हटाया जा सकता है। हटाए जाने का मानदण्ड विगत कार्य निष्पादन, प्रतिष्ठा और कार्य करने की कला (दुर्लभ / पारम्परिक / प्रयोगात्मक / नवाचार / मूल / लुप्तप्राय कला रूप आदि।) हो सकती है।
- रेपर्टरी अनुदान प्रस्ताव के नवीकरण के लिए व्यक्तिगत बातचीत की जाएगी।
- प्रत्येक गुरू / निर्देशक के लिए 10,000 रु. (दस हजार रु. केवल) प्रतिमाह की दर से सहायता होगी वहीं प्रत्येक शिष्य / कलाकार के संबंध में यह सहायता निम्नानुसार होगी:
शिष्य / कलाकार की श्रेणी |
आयु समूह |
प्रतिमाह सहायता / मानदेय की राशि |
(क) वयस्क शिष्य /कलाकार |
(18 साल और इससे अधिक) |
6000/- रु. (छ: हजार रुपये केवल) |
(ख) क श्रेणी के बाल शिष्य / कलाकार |
(12-<18 वर्ष की आयु) |
4500/- रु. (चार हजार पांच सौ रुपये केवल)) |
(ग) ख श्रेणी के बाल शिष्य /कलाकार |
(6 -<12 वर्ष की आयु) |
2000/- रु. (दो हजार रुपये केवल) |
(घ) ग श्रेणी के बाल शिष्य /कलाकार |
(3-<6 वर्ष की आयु) |
1000/- रु. (एक हजार रुपये केवल) |
- इस स्कीम के अंतर्गत व्यय स्कीम के अंतर्गत आबंटित परिव्यय तक सीमित होना चाहिए।
नोट: प्रचलित व्यवहार के अनुसार, आवेदक संगठनों को भुगतान सर्वदा इलेक्ट्रोनिक माध्यम / आरटीजीएस द्वारा किया जाएगा।
- संगठन के पिछले वर्ष के कार्यकलापों के संबंध में प्रेस समीक्षा, प्रेस विज्ञापनों, टिकटों की स्मारक प्रतियों आदि सहित आवेदक संगठन का संक्षिप्त परिचय।
- संस्था के संगम ज्ञापन / विलेख, उप-नियमों व पंजीकरण प्रमाण-पत्र की प्रतिलिपि।
- एनजीओ-पीएस (एनजीओ-दर्पण) पोर्टल से प्राप्त संगठन की यूनीक आई.डी. संख्या की प्रति।
- आयकर विभाग द्वारा जारी स्थायी खाता संख्या (पेन) की प्रति।
- विहित प्रपत्र में विधिवत भरा हुआ संकल्प (मूल रूप में)।
- संगठन की मोहर सहित प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता द्वारा प्रत्येक पृष्ठ पर हस्ताक्षर करते हुए विहित प्रपत्र में विधिवत भरा हुआ क्षतिपूर्ति बंध-पत्र (मूल रूप में) जिस पर दिए गए स्थान पर दो गवाहों के हस्ताक्षर उनके नाम और पूरे पते के साथ।
- अन्य बातों के साथ-साथ निम्नलिखित का उल्लेख करते हुए संगठन की वार्षिक कार्य योजना -
- संगठन द्वारा इसके आस-पास के किसी स्कूल में आयोजित कम से कम दो सांस्कृतिक कार्यकलापों (समारोह व्याख्यान, संगोष्ठी, कार्यशाला, प्रदर्शनी आदि) के ब्यौरे। अनुदान के नवीकरण एवं जारी किए जाने के लिए स्कूल के प्रधानाचार्य द्वारा इसके संबंध में प्रमाण-पत्र को आवश्यक रूप से संलग्न किया जाना चाहिए।
- प्रस्तुत की जाने वाली कम से कम दो प्रस्तुतियों के वार्षिक कार्यक्रम के ब्यौरे (जो 150 टंकित-लिखित शब्दों से अधिक न हो) (इन दो प्रस्तुतियों में से एक प्रस्तुति आवश्यक रूप से नई होनी चाहिए अर्थात् जिसे पहले मंचित नहीं किया गया हो) इन ब्यौरों में मदवार ब्यौरे अर्थात् पूर्वाभ्यास परिधान, परिवहन, अनुसंधान, पटकथा, मंचन आदि की लागत का उल्लेख करते हुए अनुमानित लागत ; और
- यू-ट्यूब पर अपनी प्रस्तुतियों / सामारोह /संगोष्ठियों आदि के विडियो अपलोड करने के प्रमाण और उनके अपलोड किए गए विडिओ / सामग्री पर प्राप्त हुई आम लोगों की टिप्पणियों के साथ संस्कृति मंत्रालय के यू-ट्यूब / फेसबुक/ ट्विटर पेज को लिंक प्रदान करना (यह रेपर्टरी अनुदान के नवीकरण के लिए एक पूर्व-आवश्यक शर्त है)(अनुदान का नवीकरण करने के लिए इसे ध्यान में रखा जाएगा।)
- जिस संगठन हेतु वित्तीय सहायता की मांग की गई है, उस संगठन में नाम दर्ज गुरू / निदेशक तथा शिष्य /कलाकारों का संपूर्ण विवरण निर्धारित प्रारूप में।
- वित्तीय सहायता को नए रेपर्टरी अनुदान के रूप में मांगे जाने अथवा रेपर्टरी अनुदान के नवीनीकरण अथवा रेपर्टरी अनुदान के संवर्धन का औचित्य।
- संगठन के सभी कार्यकलापों को शामिल करते हुए आय एवं व्यय तथा प्राप्ति एवं भुगतान के स्त्रोतों और प्रवृत्ति सहित गत तीन वर्षों का संपरीक्षित लेखा विवरण।
- गत तीन वर्षों के आय कर आकलन आदेश।
- पिछले तीन वर्षों के तुलन-पत्र लेखापरीक्षक के प्रमाण पत्र सहित।
- संगठन द्वारा प्राप्त किए गए अंतिम अनुदान के संबंध में निर्धारित प्रारूप (अर्थात फॉर्म जी एफ आर 19-ए) में उपयोगिता प्रमाण-पत्र (मूल रूप में) तथा चाटर्ड अकाउंटेंट (सीए) द्वारा अपने लेटर हैड (लेटरहैड पर सीए की सदस्यता संख्या दर्शाई जाए) पर जारी की गई रसीदें एवं भुगतान विवरण (मूल रूप में) जिसे अनुदान प्राप्तकर्ता संगठकन के प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता द्वारा मोहर सहित प्रति हस्ताक्षरित किया गया हो।
- पिछले वर्षों के निर्माण कार्यों की प्रेस समीक्षा, प्रेस विज्ञापन, टिकट आदि की स्मारिका प्रतिलिपि आदि।
- इस बात का दस्तावेजी प्रमाण कि अनुदान प्राप्तकर्ता संगठन ने प्रत्येक वैयक्तिक लाभार्थी (अर्थात गुरू एवं शिष्य /कलाकार) के बैंक खाते में विगत वर्ष में इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्राप्त अनुदान को नकद रूप में अंतरित कर दिया है (यथा प्रत्येक वैयक्तिक लाभार्थी के बैंक विवरण की प्रति) (रेपर्टरी अनुदान के नवीनीकरण के लिए यह एक अनिवार्य शर्त है)
- विधिवत भरा गया एवं हस्ताक्षरित विहित बैंक प्रपत्र / प्राधिकृत करने संबंधी पत्र जिसे संबंधित बैंक के प्रबंधक द्वारा सत्यापित एवं हस्ताक्षरित किया गया हो (मूल रूप में)।
- विधिवत भरी गई जांच सूची के साथ आवेदन पत्र।
- आवेदन पत्र, सम्बधित राज्य सरकार / संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन या किसी भी राज्य अकादमी या राष्ट्रीय अकादमी जिसमें राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी), कलाक्षेत्र प्रतिष्ठान, सांस्कृतिक संसाधन एवं प्रशिक्षण केंद्र (सीसीआरटी), इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए), क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र (जेड़सीसी) और सदृश स्तर के निकाय शामिल हैं, से संस्तुत होने चाहिए। इस संबंध में, विहित प्रारूप में प्राप्त संस्तुति पत्र (मूल रूप में) इस आवेदन पत्र के साथ संलग्न किया जाना चाहिए।
नोट:
- पद्म पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को संबंधित राज्य सरकारों/ संघ राज्यक्षेत्र प्रशासनों या किसी भी राज्य अकादमियों या राष्ट्रीय अकादमियों जिसमें राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, कला क्षेत्र प्रतिष्ठान, सांस्कृतिक संसाधन एवं प्रशिक्षण केन्द्र (सीसीआरटी), इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र, आईजीएनसीए), क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्र और सदृश प्रकृति के निकाय शामिल हैं, से संस्तुति प्राप्त करने की छूट होगी।
- आवेदन पत्र, मौजूदा स्कीम के दिशानिर्देशों के अनुसार सभी तरह से पूर्ण होना चाहिए। यदि किसी प्रकार की विसंगति/ कमी पाई जाती है तो उन पर विचार नहीं किया जाएगा। इस संबंध में एनएसडी/ संस्कृति मंत्रालय का निर्णय अंतिम माना जाएगा।
संस्कृति मंत्रालय जैसा भी आवश्यक समझे, आवधिक आधार पर, विशेषतः रेपर्टरी अनुदानग्राहियों के लिए, आवधिक निरीक्षणों, फील्ड दौरों आदि के माध्यम से अनुदान ग्राहियों का मूल्यांकन करेगा। जहां तक रेपर्टरी अनुदान के नए मामलों का संबंध है, प्रत्येक मामले में अनुमोदित अनुदान राशि मंत्रालय द्वारा यथा निर्धारित संगठनों के वास्तविक सत्यापन के पश्चात ही जारी की जाएगी। इसके अलावा कम से कम 5-10 प्रतिशत नए संस्तुत प्रस्तावों / मामलों का वास्तविक निरीक्षण / सत्यापन संस्कृति मंत्रालय में संबंधित अवर सचिव / अनुभाग अधिकारी द्वारा किया जाएगा।